दिल्ली एन.सी.आर. गुड़गांव के एक स्कूल के कुछ बच्चों को टॉयलेट में पोर्न फिल्म देखते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया हैं, इन बच्चों की उम्र मात्र 9-10 सालों या फिर इससे भी कम की ही बताई जा रही हैं I यह घटना उस समय की हैं जब एक टीचर टॉयलेट के बगल से गुजर रही थी तभी उन्हें कुछ बच्चों की टॉयलेट से आवाज सुनाई पड़ी और जब उन्होंने जाकर देखा तो वह दंग ही रह गयी I
यह स्कूल अपने प्रचार अभियान के दौरान इस बात को अक्सर कहता हैं कि मुफ्त वाई-फाई की सुविधा देने वाला यह देश का एक मात्र स्कूल हैं लेकिन आज इस सुविधा की वजह से स्कूल का नाम ख़राब हो रहा हैं I
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार क्या हो सकते हैं पोर्न फिल्म देखने के नुकशान जानें …
ये होगा पोर्न देखने का नतीजा
इसका अंदाजा दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य और व्यावहारिक विज्ञान विभाग के निदेशक डॉ. समीर पारिख के इस बयान से लगाया जा सकता है जिसमें वह कहते हैं कि अत्यधिक पोर्न देखने की आदत केवल नाबालिगों में ही नहीं शादीशुदा जिंदगी के लिए भी परेशानी खड़ी कर रहा है।
डॉक्टर समीर बताते हैं कि दिल्ली का एक जोड़ा उनके पास आया जिनकी शादीशुदा जिंदगी अच्छी नहीं चल रही थी। उन्हें पता चला कि रोहित (बदला हुआ नाम) को शादी के पहले से ही रोजाना तीन से सात घंटे पोर्न फिल्म देखने की आदत थी।
उसे लगा था कि शादी के बाद सब ठीक हो जाएगा लेकिन कुछ दिनों बाद ही दोनों के बीच दूरी बढ़ने लगी क्योंकि पंकज पत्नी से दूर अकेले में पोर्न फिल्म देख्ा कर अपना वक्त बिताता था।
सेक्स को लेकर अज्ञानता
क रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी देशों में वयस्क युवक ऑनलाइन पोर्न देखने के बुरे प्रभाव को महसूस कर रहे हैं। लेकिन अब भारत पर भी इसका खतरा मंडरा रहा है।

विशेषज्ञ कहते हैं कि सेक्स एक ऐसा रहस्य है, जिसे लेकर किशोरों में उत्सुकता रहती है। इंटरनेट के चलते नई पीढ़ी तक पोर्न की पहुंच बहुत आसान हो गई है। जो समस्या को समझने की जगह उसे बढ़ाने में मदद कर रही है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि सेक्स एक ऐसा रहस्य है, जिसे लेकर किशोरों में उत्सुकता रहती है। इंटरनेट के चलते नई पीढ़ी तक पोर्न की पहुंच बहुत आसान हो गई है। जो समस्या को समझने की जगह उसे बढ़ाने में मदद कर रही है।
डाक्टरों का कहना है कि एक शिक्षित महिला तथा पुरुष पोर्न को न सिर्फ दैहिक सुख का माध्यम समझते हैं बल्कि इसके बहाने साथ रहने के एहसास को बढ़ाने की कोशिश करते हैं। जबकि किशोर और नवयुवक इसे केवल मजे या मनोरंजन के तौर पर लेते हैं।
आसानी से उपलब्ध ऑनलाइन पोर्न युवाओं में खतरनाक यौन व्यवहार का कारण्ा भी बन रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो पोर्न देखने की आदत किसी के व्यक्तित्व पर निर्भर करती है। डाक्टर की मानें तो पोर्न देखने के आदि वो लोग होते हैं जिनका खुद पर नियंत्रण नहीं होता या उनकी यौन जरूरतें पूरी नहीं हो पातीं।

विशेषज्ञों की सलाह है कि जैसे ही कोई युवक इस स्थिति में स्वयं को पाएं उन्हें तुरंत ही डाक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि किसी भी अन्य बिमारी की तरह इसका भी इलाज संभव है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि जैसे ही कोई युवक इस स्थिति में स्वयं को पाएं उन्हें तुरंत ही डाक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि किसी भी अन्य बिमारी की तरह इसका भी इलाज संभव है।
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